वैश्विक आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में उतार-चढ़ाव से शेयर बाजार में गिरावट आ सकती है।
क्या आपने देखा है कि जब यूरोपीय या अमेरिकी बाजारों में गिरावट आती है, तो भारतीय बाजारों में भी उसी तरह के उतार-चढ़ाव होते हैं?
वैश्विक बाजारों की अस्थिरता निवेशकों के मनोबल पर असर डाल सकती है और इसके परिणामस्वरूप शेयर बाजार में गिरावट आ सकती है।
जब देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ते हैं, तो इसका असर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं और आर्थिक गतिविधियों पर पड़ता है।
उभरते हुए बाजार अक्सर विकासशील देशों से होते हैं, जहाँ राजनीतिक अस्थिरता या आर्थिक संकटों का प्रभाव जल्दी महसूस होता है।
जब वैश्विक केंद्रीय बैंक जैसे कि फेडरल रिजर्व या यूरोपीय सेंट्रल बैंक आर्थिक नीतियाँ बदलते हैं, तो यह वैश्विक वित्तीय बाजारों को प्रभावित करता है।
इन वैश्विक संकेतों को पहचानकर, आप समय रहते अपने निवेश की रणनीति को बदल सकते हैं और जोखिम से बच सकते हैं।