डिमांड लोन और शॉर्ट टर्म लोन में क्या अंतर है?

डिमांड लोन और शॉर्ट टर्म लोन में क्या अंतर है?

परिचय

हाय दोस्तों! आज बात करते हैं एक ऐसे टॉपिक की, जो सुनने में तो आसान लगता है, पर समझने में थोड़ा टेढ़ा हो सकता है – डिमांड लोन और शॉर्ट टर्म लोन में क्या अंतर है? मान लो, तुम्हें अपनी दुकान के लिए कुछ पैसे चाहिए। एक दोस्त कहता है, “जब मर्ज़ी लौटा देना,” और दूसरा कहता है, “हर महीने 500 रुपये देना, 6 महीने में खत्म!” पहला है डिमांड लोन का मज़ा, और दूसरा है शॉर्ट टर्म लोन का नियम। लेकिन इन दोनों में फर्क क्या है? कब कौन सा लेना चाहिए? और अगर EMI नहीं चुकाई तो क्या होगा? चलो, इस Article में सब कुछ आसान और मज़ेदार तरीके से समझते हैं। तैयार हो? तो शुरू करते हैं! 🚀


डिमांड लोन क्या होता है?

डिमांड लोन का मतलब क्या होता है? दोस्तों, इसे ऐसे समझो – Demand Loan वो पैसा है, जो बैंक या कोई लेंडर तुम्हें देता है, लेकिन कहता है, “जब हम मांगेंगे, तब लौटा देना।” मतलब, कोई फिक्स्ड EMI या टाइमलाइन नहीं। ये Flexibility इसे खास बनाता है। मान लो, तुम एक छोटे बिजनेस के मालिक हो। सीज़न में माल खरीदने के लिए बैंक से 2 लाख ले लिए। बैंक ने कहा, “जब हमारी ज़रूरत पड़ेगी, बता देंगे।” अब तुम्हारी कमाई अच्छी हुई, तो खुद ही पैसे लौटा दिए। न हुई, तो बैंक थोड़ा इंतज़ार कर सकता है।

  • खासियतें:
    • कोई तय अवधि नहीं।
    • ब्याज बदलता रह सकता है।
    • ज़्यादातर बिजनेस या बड़े खर्चों के लिए।
  • उदाहरण: मान लो, तुम्हारा दोस्त तुम्हें 5000 रुपये देता है और कहता है, “जब मेरी ज़रूरत हो, बता दूंगा।” यही डिमांड लोन है!

तो, डिमांड लोन उन लोगों के लिए है, जो Flexibility चाहते हैं। लेकिन सावधान! बैंक कभी भी “अब लौटा दो” कह सकता है। 😅


शॉर्ट टर्म लोन क्या होता है?

अब बात करते हैं Short Term Loan की। ये वो लोन है, जो एक तय समय के लिए मिलता है – आमतौर पर 1 महीने से लेकर 1-2 साल तक। इसमें तुम्हें हर महीने EMI चुकानी पड़ती है। जैसे, दिवाली के लिए अपनी बेकरी में नया ओवन चाहिए। बैंक से 50,000 रुपये लिए, 6 महीने की EMI फिक्स की। हर महीने 9000 रुपये देने हैं, और 6 महीने बाद लोन खत्म। साफ-सुथरा हिसाब!

  • खासियतें:
    • छोटी अवधि (1-24 महीने)।
    • फिक्स्ड EMI
    • ब्याज दर शुरू में ही तय।
  • उदाहरण: मान लो, तुम्हें फेस्टिवल सेल के लिए स्टॉक चाहिए। शॉर्ट टर्म लोन लिया, बिक्री हुई, EMI चुकाई और बस काम पूरा!

शॉर्ट टर्म लोन क्या होता है? ये छोटे, फटाफट कामों के लिए बेस्ट है। लेकिन EMI चुकाना ज़रूरी है, वरना मुश्किल हो सकती है।


डिमांड लोन और शॉर्ट टर्म लोन में अंतर

अब असली सवाल – इन दोनों में फर्क क्या है? चलो, इसे एक टेबल से समझते हैं:

Parameterडिमांड लोनशॉर्ट टर्म लोन
अवधिकोई तय समय नहीं, बैंक की मांग पर1 महीने से 2 साल तक
भुगतानजब बैंक कहे, तबहर महीने EMI
ब्याज दरबदल सकती हैशुरू में फिक्स
उपयोगबड़े बिजनेस, लंबी ज़रूरतछोटे, तुरंत काम
  • कब कौन सा चुनें?
    • अगर तुम्हें Flexibility चाहिए और पैसे लौटाने की गारंटी नहीं है, तो डिमांड लोन ठीक है।
    • अगर छोटी ज़रूरत है और हर महीने थोड़ा-थोड़ा चुकाना मंज़ूर है, तो शॉर्ट टर्म लोन लो।

उदाहरण से समझो: मान लो, तुम्हें घर की मरम्मत के लिए पैसा चाहिए। शॉर्ट टर्म लोन लिया, 6 महीने में चुका दिया। लेकिन बिजनेस बढ़ाने के लिए डिमांड लोन लिया, क्योंकि कमाई का पता नहीं। दोनों का अपना मज़ा है, बस ज़रूरत देखकर चुनो! 😉


डिमांड लोन की अवधि कितनी होती है?

डिमांड लोन की अवधि कितनी होती है? दोस्तों, ये सवाल थोड़ा ट्रिकी है। क्योंकि डिमांड लोन में कोई फिक्स्ड अवधि नहीं होती। बैंक कहता है, “जब हमें चाहिए, हम मांग लेंगे।” लेकिन हकीकत में, ये तुम्हारी और बैंक की डील पर Depend करता है। मान लो, तुमने 5 लाख का डिमांड लोन लिया। 2 साल तक बैंक ने कुछ नहीं कहा। तीसरे साल अचानक बोला, “अब लौटा दो।”

  • क्या प्रभावित करता है?
    • तुम्हारा क्रेडिट स्कोर।
    • बैंक के साथ रिश्ता।
    • तुम्हारी कमाई।

तो, डिमांड लोन की अवधि Flexible होती है, लेकिन बैंक की मर्ज़ी पर चलती है। सावधान रहो, वरना अचानक मांग आ सकती है! 😬


EMI नहीं चुकाने पर क्या होता है?

अब एक ज़रूरी सवाल – EMI नहीं चुकाने पर क्या होता है? ये ज़्यादातर शॉर्ट टर्म लोन पर लागू होता है। मान लो, तुमने 50,000 का लोन लिया, EMI 5000 रुपये। दो महीने नहीं चुकाया। अब क्या?

  • पेनल्टी: लेट फीस लगेगी।
  • क्रेडिट स्कोर: खराब होगा।
  • लीगल एक्शन: बैंक कोर्ट तक जा सकता है।

डिमांड लोन में ऐसा नहीं है, लेकिन अगर बैंक मांग करे और तुम न लौटाओ, तो वही हाल – ब्याज बढ़ेगा, क्रेडिट स्कोर गिरेगा। तो दोस्तों, लोन लो, पर चुकाने की प्लानिंग पहले करो। वरना, “पैसा दोस्त है, पर कर्ज़ दुश्मन!” 😅


निष्कर्ष

तो दोस्तों, डिमांड लोन और शॉर्ट टर्म लोन दोनों अपने-अपने तरीके से मज़ेदार हैं। डिमांड लोन Flexibility देता है, पर बैंक की मांग का डर रहता है। शॉर्ट टर्म लोन साफ-सुथरा है, पर EMI का प्रेशर है। सही लोन वही है, जो तुम्हारी ज़रूरत और जेब के हिसाब से फिट हो। अगली बार लोन लेने से पहले सोचो – “क्या मैं EMI झेल सकता हूँ, या Flexibility चाहिए?” सही जवाब चुनो, और पैसों की टेंशन को बाय-बाय कहो! 🌟


FAQs

डिमांड लोन का मतलब क्या होता है?

ये ऐसा लोन है, जो बैंक की मांग पर लौटाना पड़ता है। कोई फिक्स्ड टाइम नहीं।

शॉर्ट टर्म लोन क्या होता है?

छोटी अवधि (1-24 महीने) का लोन, जिसमें EMI चुकानी पड़ती है।

डिमांड लोन की अवधि कितनी होती है?

कोई तय अवधि नहीं, बैंक की मर्ज़ी पर निर्भर।

EMI नहीं चुकाने पर क्या होता है?

पेनल्टी, क्रेडिट स्कोर खराब और लीगल एक्शन हो सकता है।

कौन सा लोन बेहतर है?

तुम्हारी ज़रूरत पर डिपेंड करता है – छोटे काम के लिए शॉर्ट टर्म, Flexibility चाहिए तो डिमांड।

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