परिचय
निवेश करने से पहले म्यूचुअल फंड को जान लेना जरूरी है। इससे आपको अपने निवेश के फैसले लेने में काफी ज्यादा मदद मिलेगी। Mutual Fund में एक साथ कई सारे निवेशकों का पैसा एक ही जगह पर जमा किया जाता है और इस फंड में से फिर वो पैसा बाज़ार में निवेश किया जाता है। इस तरह ये एक प्रकार का सामुहिक निवेश होता है। Mutual Fund कंपनियां अपने निवेशकों से पैसे जुटाती हैं। इस पैसे को वे शेयरों में निवेश करती हैं। इसके बदले Mutual Fund कंपनियां निवेशकों से चार्ज भी लेती हैं। Mutual Fund को एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) द्वारा Manage किया जाता है।
प्रत्येक AMC में आमतौर पर कई सारी Mutual Fund Schemes होती हैं। म्यूचुअल फंड मे एक Fund Manager होता है, जो फंड के निवेशों को निर्धारित करता है एवं लाभ और हानि का हिसाब रखता है। छोटे निवेशक बहुत ही कम राशि जैसे रु. 100 प्रतिमाह से भी SIP के द्वारा निवेश कर सकते हैं। UTI AMC भारत की सबसे पुरानी Mutual Fund कंपनी है।
Mutual Fund के कितने प्रकार है?
Mutual Fund के मुख्य 3 प्रकार है। जिसके बारे में हम आपको विस्तार से आपको बताएँगे।
1. Equity या Growth Funds – Mutual Fund की इस Scheme में आपका पैसा Company के Stocks में निवेश होता है। Fund Manager पैसा निवेश करने से पहले Company की पूरी कुंडली तैयार करते है। उसके बाद ही सही Company के Stock चुनकर निवेश किया जाता है। Equity Funds की Scheme में Large Cap, Mid Cap, Small या फिर Micro Cap Funds होते है। ये Long Term के लिए सर्वश्रेष्ठ होते है।
2. Income या Bond या Fixed Income Funds – Mutual Fund की इस Scheme में आपका पैसा Fixed Income Securities में निवेश होता है। जैसे की Government Securities या Bonds, Commercial Papers और Debentures, Bank Certificates of Deposits और Money Market instruments जैसे की Treasury Bills और Commercial Paper। इस Scheme में Liquid Funds, Short Term, Floating Rate, Corporate Debt, Dynamic Bond और Gilt Funds होते है। Mutual Fund की इस Scheme को तुलनात्मक रूप से सुरक्षित माना जाता है।
3. Hybrid Funds – Mutual Fund की इस Scheme में आपका पैसा Equities और Fixed Income दोनों में निवेश होता है। जैसे की Equity Fund, Debt Fund, Gold Fund और Liquid Fund। इस Hybrid Funds को पहले Balance Funds भी कहा जाता था।
Mutual Fund में NAV क्या होता है?
म्यूच्यूअल फंड की स्कीम का प्रदर्शन उसके Net Asset Value से लक्षित होता है। यानि Fund की NAV ही उसके द्वारा खरीदी हुई सभी Securities का बाज़ार मूल्य है। जो बाज़ार के उतार चढ़ाव के साथ बदलता रहता है। Securities का बाज़ार मूल्य प्रतिदिन बदलता है, इसलिए स्कीम का NAV भी दैनिक बदलता है।
म्यूच्यूअल फंड्स निवेशकों से इकठ्ठा हुई धनराशि को Securities बाज़ार में निवेशित करते हैं। ये हर दिन अलग हो सकता है क्योंकि बाज़ार मूल्य हर दिन बदलता रहता है। सारे म्यूच्यूअल फंड्स स्कीमों के NAV, कारोबारी दिन के ख़तम होने के बाद, जब बाज़ार बंद होते है, तब घोषित किये जाते हैं और ये SEBI के म्यूच्यूअल फंड अधिनियम के मुताबिक होते हैं।
Mutual Fund में SIP क्या होता है?
Systematic Investment Plan (SIP) म्यूच्यूअल फंड्स का एक ऐसा निवेश का जरिया है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति एक निर्धारित रकम, नियमित अंतराल में म्यूच्यूअल फंड्स के किसी स्कीम में निवेश कर सकता है। यह किश्त 500 रुपये प्रति माह की मामूली रकम भी हो सकती है जो बहुत कुछ Recurring Deposit से मिलती-जुलती है। ये रकम हर माह आपके बैंक अकाउंट से डेबिट (निकासी) होता रहेता है।
SIP भारतीय म्यूच्यूअल फंड्स निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय हो चला है, इसलिए कि ये निवेशक को बाज़ारों के उथल-पुथल की चिंता से अलग रख के अनुशाशित तरीके से निवेश में सहायता करता है। लम्बी अवधि के निवेश के लिए म्यूच्यूअल फंड्स द्वारा प्रस्तावित SIP निवेश की दुनिया में क़दम रखने का यकीनन सबसे बढ़िया और आसान रास्ता हैं।
निवेश से सर्वाधिक और श्रेष्ठ लाभ प्राप्ति के लिए, बेहद ज़रूरी है लम्बी अवधि के लिए आपका निवेश हो, जिसका सीधा अर्थ यह कि आप जल्द से जल्द निवेश आरम्भ करें ताकि आपका लक्ष्य लाभ अधिकतम हों सके।
SWP क्या होता है?
कुछ लोग नियमित आय की दृष्टि से म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश करते हैं और लाभांश प्राप्ति के विकल्प पर भी नज़र होती है। बहुत सी ऐसी योजनायें, खासकर Debt से ताल्लुक रखने वाली, जो आपको मासिक या त्रैमासिक लाभांश का विकल्प देती है। ये जान लेना ज़रूरी है कि ये लाभांश योजनाओं से मिली वृद्धि से ही वितरित किए जाते हैं जिनकी हर महीने कोई Guarantee नहीं है, यद्यपि समरूप लाभांश की, फंड गृह की हमेशा कोशिश रहती है, वितरण लायक अतिरिक्त राशि कितनी होगी, ये बाज़ारों के गति और फंड के प्रदर्शन पर निर्भर होती है।
मासिक आय का एक ओर जरिया है: Systematic Withdrawal Plan (SWP) का इस्तेमाल। यहाँ आपको स्कीम के विकास योजना में निवेश करना होता है, जिसमें हर महीने मासिक भुगतान की एक निर्दिष्ट राशि निर्धारित करनी होती है। एक तयशुदा दिन पर, उस निर्धारित राशि के समतुल्य यूनिट्स/इकाइयां निकाल दी जाती हैं। उदाहरण स्वरुप, एक निवेशक 10 लाख निवेशित कर हर महीने की पहली तारीख को 10 हज़ार रूपए के भुगतान की गुजारिश करता है, तब, 10,000 मूल्य की इकाइयां महीने की पहली तारीख को निकाल दी जायेंगी।
यह जानना आवश्यक है कि दोनों ही मामलों, SWP और लाभांश में, कर की व्यवस्था अलग है और निवेशक को ये मद्देनज़र रख अपनी योजना बनानी चाहिए। ज्यादातर इस Plan को Retired Persons पसंद करते है।
FAQs
म्यूच्यूअल फंड का चयन उसकी Ratings या फिर अपने Financial Advisor से मिलकर करना चाहिए।
म्यूच्यूअल फंड में आप SIP या Lumsum दोनों तरीके से पैसा लगा सकते है।
म्यूच्यूअल फंड का अबतक का प्रदर्शन देखा जाये तो SIP में RD या FD से ज्यादा रिटर्न मिलता है, जिसे आप 12 से 18 % की उम्मीद रख सकते है।
Mutual Fund के मुख्य 3 प्रकार है। 1. Equity या Growth Funds, 2. Income या Bond या Fixed Income Funds और 3. Hybrid Funds
म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा फायदा ये है कि यहां आपके पैसे को अलग-अलग कंपनियों में लगाया जाता है।